Friday, December 11, 2009

दिवा रानी...बड़ी सयानी...!

दिवा रानी !

कैसी हो ?आज बहुत दिनों बाद तुमसे ब्लॉग पर बात कर रही हूँ। इन्टरनेट पर तो हम अक्सर बात कर ही लेते हैं। तुम्हारी प्यारी-प्यारी बातें, तुम्हारी शरारात्तें हम सबको बहुत अच्छी लगती हैं। अब तो तुम सब बातें समझने लगी हो और अपनी बातें समझाने भी लगी हो।

मम्मा -पापा हमेशा तुम्हारी तुम्हारी फोटो और वीडियो हमें पिकासा पर भेजते रहते हैं। मैं उनमें से कुछ में अपने ब्लॉग में लगा देती हूँ और कुछ ऑरकुट में लगा देती हूँ ताकि सब लोग उन्हें देखें और अपनी प्यारी दिवा दी डुमडुम से मिलते रहें।

प्यारी दीबू ! आजकल तुम अपनी तीन पहियों वाली वाली साईकिल चलाती हो और पापा की नयी कार भी ! पापा -मम्मा के साथ गाना गाती हो और टीवी देख कर डांस भी करती हो। कभी मम्मा के साथ aकाम कराती हो तो कभी पापा के काम में मदद करती हो। अपनी बुक से कभी ख़ुद पढ़ती हो तो कभी मम्मा-पापा को ही पढ़ाती हो।

डुमडुम रानी ! आज कल तुम कभी चिड़िया , कुत्ता, कौवा , बन्दर, शेर, बिल्ली के आवाज निकलती हो तो कभी नानी तेरी मोरनी, दादी अम्मा , मम्मी ने चाय पे बुलाया है, लकड़ी की काठी ,चुन-चुन करती आयी चिड़िया ... जैसे गानों और बाबा ब्लैक शीप , क्लैप योर हैण्ड , मछली जल की रानी है ... जैसी कविताओं पर लुभावने एक्शन कर के दिखाती हो। दिवा ! तुम्हारी यह सब बातें हमें कितना लुभाती हैं... हम बता नहीं सकते।

मेरी नन्ही-मुन्नी गुड़िया ! तुम्हें कभी किसी की नजर न लगे। ईश्वर तुम्हें सदा खुश रखे। तुम खूब पढ़ो-लिखो , बुद्धिमान बनो। जग में कोई नया काम करो। अपना, अपने परिवार का और अपने देश
का नाम पूरे संसार में रोशन करो। तुम्हारे दादा-दादी और पूरे परिवार की यही कामना है । दिवा रानी
हम सबका आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ है।

अगली बार तुम्हे फिर एक नयी कहानी सुनाऊँगी, जिसे मेरी दादीजी ने मुझे सुनाया था। जिसे मेरी दादीजी ने अपनी दादी माँ से सुना था और उन्होंने शायद अपनी दादी अम्मा से...!!! -तुम्हारी दादी।

2 comments:

  1. एसे ही बातें बताती रहो..

    प्यार..

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