Tuesday, August 4, 2009

कछुआ और ख़रगोश -1

दिवा दी डुमडुम !

क्या हाल-चाल है ?आजकल क्या-क्या कर रही हो ? अब तो तुमने चलना सीख लिया है और भाग-दौड़ करती रहती हो।

डुमडुम !
तुम मम्मा के साथ घर के काम में मदद तो करती हो पर कहीं सब उलट-पुलट करके मम्मा का काम बढ़ाती तो नहीं ?

मम्मा कहती है दिवा आजकल बहुत तेज दौड़ती है और मम्मा को अपने पीछे-पीछे दौड़ाती रहती है।

तुम्हारे तेज दौड़ने के नाम से मुझे 'कछुआ खरगोश' की कहानी याद आ गयी जिसे मैंने अपने बचपन में अपनी माँ से सुना था और आज तुम्हारी दादीमाँ ,ब्लॉग में ,तुम्हारे लिए लिख रही हैं।

तो शुरू करते हैं बहुत तेज दौड़ने वाले खरगोश और धीमे-धीमे सरकने वाले कछुए की कहानी ...!
देखें कहानी में है क्या...?

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