Friday, October 2, 2009

दिवा, दादी और महात्मा गांधी

दिवा !कैसी हो ? आज कितने दिनों के बाद तुमसे बात कर रही हूँ ! जानती हो दिवा ! आज दो अक्टूबर है। आज हमारे राष्ट्रपिता महत्मा गांधी का जन्मदिन है। गांधीजी को पूरे देश के लोग प्यार से बापू कहते हैं। बापू का मतलब होता है पिता इसीलिए गांधीजी को पूरे राष्ट्र का पिता कहा जाता है।
गांधीजी ने पूरे संसार को सत्य और अहिंसा का रास्ता दिखाया। उन्होंने हमें सत्य और अहिंसा के सहारे अपने अधिकार और अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ना सिखाया। दिवा ! सत्य का मतलब होता है -जो सही हो ,जिससे किसी का नुकसान न हो ,जो अच्छा हो और अहिंसा का मतलब होता है किसी को कष्ट या दुःख न पहुँचाना। गांधीजी के बताये रस्ते पर चलकर ही हमारा देश स्वतंत्र हुआ।
दिवा ! अभी तुम इन बातों को जानने और समझाने के लिए बहुत छोटी हो। जब तुम थोड़ी बड़ी हो जाओगी तो तुम देश, स्वतंत्रता, सत्य, अहिंसा, प्रेम, असहयोग, आन्दोलन, देशप्रेम और गांधी का अर्थ समझने लगोगी।
मेरी प्यारी नन्ही -सी डुमडुम ! तब तुम जान जाओगी कि गांधी किसी व्यक्ति का नाम ही नहीं गांधी हमारे देश की आत्मा है, हमारे देश की संस्कृति है; गांधी हमारा धर्म है, हमारा गर्व है; गांधी हमारी शक्ति है, हमारी भक्ति है और गांधी महात्मा ही नहीं, विश्वात्मा हैं। तब तुम गर्व से अपना सर ऊँचा कर कहोगी- ''मैं एक भारतीय हूँ। मैं एक स्वतंत्र देश की नागरिक हूँ। मुझे गर्व है कि मैंने राम, कृष्ण, बुद्ध और गांधी के देश में जन्म लिया है। ''
अच्छा दिवा रानी ! बाकी बातें कल करेंगे ...आज के लिए इतना काफी है।

No comments:

Post a Comment