आज मैं तुम्हें एक लालची कुत्ते की कहानी सुनाऊँगी। पर कहानी सुनाने से पहले मैं अपनी प्यारी दीबू से कुछ बातें तो कर लूँ ...है न ? आज हमने तुम्हें इन्टरनेट पर देखा। दिवा अब तुम हमारी बातें समझने लगी हो। तुम्हारी प्यारी बातें, तुम्हारी मोहक मुस्कान, तुम्हारे बालसुलभ कारनामे हमें खुशियों से सराबोर कर देते हैं। डुमडुम! तुम्हारे दादाजी, चाचाजी, चाचीजी और मैं-तुम्हारी दादीजी- यहाँ अमेरिका में तुम्हें बहुत याद करते हैं। ऐसा लगता है जैसे हम किसी अनमोल अनुभव से दूर हैं। हम हर समय तुम्हारे साथ रह कर तुम्हारी हर बात का अनुभव करना चाहते हैं पर क्या करें, विवश हैं। इन्टरनेट,गूगल,स्काईप-जैसे माध्यमों के हम आभारी हैं जिनके कारण हम दूर रह कर भी एक दूसरे के पास हैं.
दिवा यह कहानी मम्मा तुम्हें पढ़ कर सुनाएगी और यह भी बताएगी कि "लालच करना बुरी बाला है बच्चों छोड़ो तभी भला है . " तो चलो तैयार हो जाओ लालची कुत्ते कि कहानी सुनाने के लिए...
देखो लालची कुत्ते का क्या हाल हुआ...?
दिवा यह कहानी मम्मा तुम्हें पढ़ कर सुनाएगी और यह भी बताएगी कि "लालच करना बुरी बाला है बच्चों छोड़ो तभी भला है . " तो चलो तैयार हो जाओ लालची कुत्ते कि कहानी सुनाने के लिए...
देखो लालची कुत्ते का क्या हाल हुआ...?
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